Monday 29 July 2013

प्राकृतिक नही विष्णुप्रयाग बांध से आई आपदा

प्रैस विज्ञप्ति                                                                 30-7-2013

प्राकृतिक नही विष्णुप्रयाग बांध से आई आपदा
लोगो का संघर्ष जारी है।

दिनांक 16.06.2013 को अलकनन्दा नदी में आयी बाढ़ के कारण लामबगड़ विनायक चट्टी] पाण्डुकेश्वर] गोविन्दघाट] घाट पिनोला में जो क्षति हुयी है। उसके लिये पूर्णरुप से जिम्मेदार विष्णुप्रयाग जलविद्युत परियोजना है। जिसे जयप्रकाश कम्पनी संचालित करती है। हम इस संदर्भ में विष्णुप्रयाग बांध आपदा प्रभावित संघ^ का पत्र संलग्न कर रहे है जो कि स्वंय में पूरी बात कहता है। इसके बाद माटू जनसंगठन ने भी सरकारों को पत्र द्वारा याद दिलाया है। हम इंतजार कर रहे है कि सरकार इस पर कदम उठाये। इसके बाद हम लोकतंत्र द्वारा प्रदत सभी अधिकारों का उपयोग करते हुये आगे बढ़ेंगेA

विमलभाई]   दिनेश सिंह पंवार
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विष्णुप्रयाग बांध आपदा प्रभावित संघ
सहयोगी माटू जनसंगठन
न्याय पंचायत क्षेत्र पाण्डुकेश्वर
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सेवा में]                                         20] जुलाई 2013

श्रीमती जयंति नटराजन
मंत्री] पर्यावरण एंव वन मंत्रालय] भारत सरकार] नई दिल्ली

श्रीमान ज्योतिरादित्य सिंधिया जी
मंत्री] उर्जा मंत्रालय] भारत सरकार] नई दिल्ली

श्रीमान हरीश रावत
मंत्री] जलसंसाधन मंत्रालय] भारत सरकार] नई दिल्ली

श्रीमान विजय बहुगुणा
मुख्यमंत्री] उत्तराख्ंड

श्रीमान      जिलाधिकारी महोदय]
गोपेश्वर जिला चमोली] उत्तराख्ंड

विषयः- विष्णुप्रयाग बांध से आई आपदा से प्रभावित गांवांे को क्षतिपूर्ति दिलाने बावत्।

महोदय]

सविनय निवेदन है कि दिनांक 16.06.2013 को अलकनन्दा नदी में आयी बाढ़ के कारण लामबगड़ विनायक चट्टी, पाण्डुकेश्वर, गोविन्दघाट, घाट पिनोला में जो क्षति हुयी है। उसकी पूर्ण जिम्मेदार विष्णुप्रयाग जलविद्युत परियोजना है। जिसको जयप्रकाश कम्पनी संचालित करती है।
हमारा विष्णुप्रयाग बांध आपदा प्रभावित संघ जय प्रकाश कम्पनी के विष्णुप्रयाग बांध के कारण प्रभावित ग्रामीणों का है। हम विष्णुप्रयाग बांध से नीचे के गांवों के निवासी हैं। हम आपके संज्ञान में डालना चाहते हैं कि दिनांक16.06.2013  17.06.2013 को अलकनन्दा नदी का जलस्तर बढ़ने से जो लामबगड़, विनायक चट्टी, पाण्डुकेश्वर, गोविन्दघाट, पिनोला घाट आदि गांवों में मकानों, खेती, वन और पुल के बहने का नुकसान हुआ उसके लिये जयप्रकाश कम्पनी का विष्णुप्रयाग बांध है। समय पर बांध के दरवाजों का ना खोलना इस तबाही के लिये जिम्मेदार कारण है।

घटना का पूरा विवरण इस प्रकार हैैः-

16 जून की शाम को 5 बजे अलकनन्दा नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने लगा जो कि रोज के जलस्तर से काफी अधिक था और 16.06.2013  रात को लगभग 10 बजे अलकनन्दा नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने लगा जिसके कारण गोविन्दघाट में भय का माहौल पैदा हो गया था। पुनः रात को लगभग 11:30बजे गुरूद्वारे का जेनरेटर कक्ष और नदी के दूसरी तरफ लगा विद्युत ट्रान्सफार्मर बाढ़ की चपेट में आने से गुरूद्वारा एवं गोविन्दघाट में पूरी तरह अंधेरा छा गया | जिस कारण लोगों में और भी भय व्याप्त हो गया। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा और गोविन्दघाट गुरूद्वारे के पास जो पुल था उसके स्तर तक नदी का पानी पहुॅच चुका था| इस कारण गोविन्दघाट में जो पार्किंग थी उसमें नदी का पानी पूरी तरह फैलने लगा और धीरे-धीरे भूमि का कटाव होने लगा जिससे पार्किंगों में खड़े वाहन भी बहने लगे। तत्पश्चात् दिनांक 17.06.2013 की सुबह 4:30 बजे  गोविन्दघाट में अलकनन्दा नदी पर स्थित| पुलना जाने हेतु लो.नि.वि. द्वारा बनाया गया पक्का  पुल भी बह गया और वह बीच नदी में अटक गया जिस कारण पानी का बहाव गोविन्दघाट बाजार की तरफ आने लगा। तदुपरान्त धीरे-धीरे भूमि जिस पर बाजार निर्मित था, का कटाव होने लगा और देखते ही देखते एक के बाद एक होटल, दुकानें, मकान, पार्किंग स्थल, गुरूद्वारा की इमारतें भी ढहने लगी और 17जनू की सांय 5 बजे तक गोविन्दघाट में इमारतों, होटलों, खेतों, पार्किंग स्थलों व दुकानों के स्थान पर नदी द्वारा बहा कर लाये गये मलबे के अलावा कुछ भी शेष नहीं रह गया था व साथ ही नदी की दूसरी तरफ पुल के बह जाने से हजारों तीर्थयात्री व स्थानीय निवासियों के साथ साथ लगभग 1500 घोड़ों, खच्चर एवं मवेशी भी फंस चुके थे जो कि अपनी जीवन व मृत्यु से जूझ रहे थे।
ग्राम पाण्डुकेश्वर में भी दिनांक 17.06.2013 की सुबह लगभग 6 बजे नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने के कारण भूमि का कटाव अत्यधिक तीव्रता से होने लगा जिससे वहां पर स्थित होटल, मकान व खेती योग्य भूमि भी बह गये।
आपदा का कारण विष्णुप्रयाग बांध थाः-
हम सभी लोग उक्त घटनाक्रम पर चर्चा कर रहे थे, कि पानी का आना फिर रुकना  और फिर तेजी से आना। ऐसा कैसे हुआ, आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। 19 जून को हमारे कुछ ग्रामीण लामबगड़ व विनायक चट्टी  आदि गांवों से आये | उन्होने हमको बताया कि यह सब जो भी हुआ है जे.पी. कम्पनी के बांध फटने से यह सब तबाही हुयी है। इसकी सत्यता जानने के लिए जब हम लोग लामबगड़ बैराज की ओर गये तो हमको सब कुछ साफ हो गया कि क्यों दिनांक16.06.2013 को रात्रि में एकदम से पानी बहुत ज्यादा आया और फिर कुछ समय बाद फिर से कम हो गया था, लेकिन पुनः 16.06.2013 को सुबह 2:30से लेकर 4:30 तक बहुत ज्यादा पानी गोविन्दघाट में आया और सब कुछ बहाकर खत्म कर दिया। उसकी सत्यता यह थी कि पहले जे.पी. कम्पनी वालों ने गेट खोलकर सारा बांध खाली कर दिया था| पुनः गेट बन्द कर दिया लेकिन जब बांध में पुनः बहुत बड़ी झील बननी शुरू हुयी तो कम्पनी वालों ने गेट खोलने की कोशिश की | लेकिन उनकी मेहनत बेकार हो गयी थी क्योंकि गाद एवं बड़े-बड़े बोल्डरों ने तब तक गेट सिस्टम खराब कर दिया था और पीछे 1-5 किमी. झील बनकर अत्यधिक विकराल रूप धरकर सब कुछ तोड़फोड़ कर तबाही मचा चुकी थी।
इससे पूरी तरह से स्पष्ट है कि हमारे क्षेत्र की तबाही की जिम्मेदार जेपी कंपनी की बदनीयतपूर्ण लापरवाही है। इसलिये हमारे नुकसानो की भरपाई भी जेपी कंपनी को ही करनी होगी।
महोदय, निम्न मांगों को शासन स्तर पर पूर्ण करवाने की कृपा कीजिये।
1 विष्णुप्रयाग बांध कम्पनी की बीमा राशि जो कि हमारी जानकारी के अनुसार ओरिएण्टल कम्पनी के पास है वो राशि रोक दी जाय और लामबगड़, पाण्डुकेेश्वर, विनायक चट्टी, गोविन्दघाट और पिनोलाघाट के लोगों के नुकसान की सम्पूर्ण शत प्रतिशत भरपायी जयप्रकाश कम्पनी द्वारा हो।
2 बांध से लेकर पिनोलाघाट तक सुरक्षा कार्य मानकों के अनुसार सरकार द्वारा हो। गांव के लोगों को गुणवत्ता देखने की जिम्मेदारी मासिक मानदेय के साथ दी जाय।
3 यात्रा न चलने के कारण गांवों में जो आजीविका का नुकसान हुआ इसकी भरपायी भी कम्पनी द्वारा की जाय।
4] अब इन गांवो के उपर कोई बांध नहीं बनाया जाय।
5] 16 जून व 17 जून को लायी गयी बाढ़ के लिए जयप्रकाश कम्पनी पर आपराधिक मुकदमा कायम हो।
6] जो जे.पी. कम्पनी ने गांव वालों की भूमि लीज क्रय की थी, वो गांव को वापस कर दी जाय।
7] उच्चस्तरीय जांच समिति गांवों में जाकर लोगों की पूरी बात सुने। और हमारे प्रतिवेदनो को जांच रिपोर्ट में दर्ज करे।

आज हमारे 25 परिवारों का सबकुछ समाप्त हो गया हैै। लगभग 50 परिवारों की 75 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति का नुकसान हुआ है। बागवानी, खेत खलिहान, दुग्ध व्यवसाय, पशुभारवाहकों के पशुओं की हानि, अन्य छोटे व्यवसायियों के नुकसान सहित पूरी पांडुकेश्वर न्याय पंचायत में सभी परिवार प्रभावित हुये है।
आपसे तुरंत कार्यवाही की अपेक्षा में

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