प्रेस नोट 4 मई, 2019
युवा संत आत्मबोधानंद जी ने आज अपने 194 दिन के लंबे अनशन को विराम दिया। गंगा की अविरलता निर्मलता के लिए मातृ सदन के युवा सन्यासी का संकल्प एक मुकाम पर पहुँचा।
आज 4 मई, 2019 को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की डायरेक्टर जनरल श्री राजीव रंजन मिश्रा जी का पत्र मातृ सदन में प्राप्त हुआ ।
स्वामी शिवानंद जी को लिखे पत्र की पहली पंक्ति है ---
Kindly recall the discussion during my visit to Matri Sadan on 26/4/2019.
इस पंक्ति को मुख्य मानते हुए यानी कि 25 अप्रैल को जब पहली बार राजीव रंजन जी मातृसदन आए थे और उनकी स्वामी शिवानंद जी से और आत्मबोधानंद जी से बात हुई थी उस पूरी बात का आधार इस एक पंक्ति में आ जाता है। इसी पंक्ति को मद्देनजर रखते हुए और पूरे पत्र की शाब्दिक से अधिक आत्मिक भावना के साथ आज युवा संत आत्मबोधानंद जी के 194 दिनों के उपवास को विराम देने का निर्णय लिया।
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इस महती अवसर पर इस पत्र को लेकर स्वयं राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यकारी निदेशक श्री रोज़ी अग्रवाल जी के साथ देहरादून में मिशन यूनिट के श्री प्रभात राज जी पहुंचे।
साथ ही हरिद्वार की उप जिलाधिकारी महोदय सुश्री कुसुम चौहान जी, सर्किल अधिकारी विजेंद्र दत्त जी तथा अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे ।
साथ ही पास के गांव से जल्दी ही खबर मिलकर कुछ साथी पहुंच पाए।
इस अत्यंत सादगी, पूर्ण छोटे से कार्यक्रम में 26 वर्षीय युवा संत आत्मबोधानंद जी के साथ फलाहार पर बैठे श्री पुण्यानंदजी का भी फलाहार समाप्त हुआ।
साथ ही हरिद्वार की उप जिलाधिकारी महोदय सुश्री कुसुम चौहान जी, सर्किल अधिकारी विजेंद्र दत्त जी तथा अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे ।
साथ ही पास के गांव से जल्दी ही खबर मिलकर कुछ साथी पहुंच पाए।
इस अत्यंत सादगी, पूर्ण छोटे से कार्यक्रम में 26 वर्षीय युवा संत आत्मबोधानंद जी के साथ फलाहार पर बैठे श्री पुण्यानंदजी का भी फलाहार समाप्त हुआ।
आश्रम ने तय किया था कि आत्मबोधानंद जी के बाद इस संकल्प को आगे बढ़ाएंगे।
गंगा की लड़ाई बड़ी है आश्वासनों के साथ उसको जमीन पर उतारने के लिए गंगा के मायके से लेकर गंगा के तिरोहण, गंगासागर तक वह अपनी तरह बहती रहे। इसके लिए देश के तमाम साथियों को काम करना ही होगा।
गंगा की लड़ाई बड़ी है आश्वासनों के साथ उसको जमीन पर उतारने के लिए गंगा के मायके से लेकर गंगा के तिरोहण, गंगासागर तक वह अपनी तरह बहती रहे। इसके लिए देश के तमाम साथियों को काम करना ही होगा।
स्वामी शिवानंद जी तथा स्वयं आत्मबोधानंद जी ने कहा कि 194 दिन के उपवास के बीच देशभर से तमाम साथियों ने जो धरने, प्रदर्शन, रेलिया आदि की व सरकार को पत्र भेजे, उन सबका मातृ सदन की ओर से हम आभार मानते हैं।
गंगा को अविरल रहने दो, गंगा को निर्मल रहने दो।
गंगा को गंगा रहने दो।
विमल भाई
माटू जनसंगठन
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