Thursday, 21 January 2021

21-1-2021 Letter to Irrigation Minister Sri Satpal Maharaj, Uttarakhand State regarding the rehabilitation of Tehri Dam Oustees

 21-1-2021

माननीय श्री सतपाल जी महाराज,

सिंचाई मंत्री,

उत्तराखंड


विषय : टिहरी बांध विस्थापितों के अनेक मुद्दे लंबित है। केंद्र से वार्ता की शुरुआत हो, किंतु यहबैठक अंतिम ना हो!


माननीय,


केंद्र से टिहरी बांध विस्थापितों के संदर्भ में बातचीत की शुरुआत के लिए बधाई !


आप केंद्र के साथ विस्थापितों के मुद्दे पर बातचीत करने जा रहे हैं। हमें एक अखबार से मालूम पड़ा।


हमारा आपसे निवेदन है कि इस तरह की बैठकों से पहले टिहरी बांध विस्थापितों के बीच काम कर रहे संगठनों, व्यक्तियों और विस्थापित व पुनर्वास स्थलों के जनप्रतिनिधियों के साथ एक लंबी बैठक की आवश्यकता है। 


टिहरी बांध बनने के बाद विस्थापितों की समस्याओ को पूरी तरह उपेक्षित किया गया है। हम याद दिलाना चाहते हैं कि 2001 में केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय का "ऑफिस मेमोरेंडम" कहता है कि टिहरी बांध विस्थापितों के पुनर्वास में होने वाले सभी खर्चों का वाहन टीएचडीसी करेगी।


स्थिति यह है कि पुनर्वास कार्यालय तक के खर्चो के लिए भी टीएचडीसी पैसा मुहैया नहीं करा रही है।


अनेक दावों व वादों के अलावा मुख्य रूप से पर्यावरण स्वीकृति 19 जुलाई 1990 तथा 1 सितंबर 2003 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन हो रहा है।  


अखबार में आपके द्वारा दिए गए बयान के अलावा विस्थापित क्षेत्रों के भी अनेक-अनेक मुद्दे हैं । जिसके संदर्भ में, आपकी व  केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजकुमार सिंह के बीच, ऊर्जा मंत्रालय में 22-1-2021 को होने वाली बैठक के लिए हमारे प्रस्ताव है:-


1-एक समिति बननी चाहिए जोकि विस्थापितों की तमाम समस्याओं को सुनें उनको कलम बंद करें और बिना किसी लंबी प्रक्रिया के इन समस्याओं का समाधान किया जाए। टीएचडीसी उसके लिए आर्थिक जिम्मेदारी के लिए पूर्ण रूप से बाध्यकारी हो।


2- टिहरी बांध की झील के सब और का भूगर्भीय ताजा परीक्षण हो सम्पार्श्विक क्षति नीति 2013 के संदर्भ में।


3- टिहरी बांध के वर्तमान में पर्यावरण प्रभाव आंकलन पर भी निर्णय लिया जाए।

                          

प्रभावितों के साथ बातचीत किए बिना मात्र सरकारी स्तर पर होने वाली बैठकों में न केवल असली मुद्दे छूटेंगे बल्कि निचले स्तर तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाएगा। चूंकि जब तक प्रभावितों के साथ बात नहीं होगी तब तक असली सही स्थिति आपके सामने नहीं आ पाएगी।


क्योंकि हमें अभी ही मालूम पड़ा और आपसे मिलना संभव ना हो पाएगा। इसलिए इस बैठक के बाद हम आपसे व्यक्तिगत मिलकर भी सारी स्थिति सामने रखना चाहते हैं। 

अपेक्षा है कि आपकी यह बैठक अंतिम नहीं वरन टिहरी बांध विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण के लिए एक नई शुरुआत के लिए पहला कदम होगी।


निवेदनकर्ता


विमल भाई व पूरन सिंह राणा

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