प्रेस नोट 17 मई, 2019
बांध का काम रोका: समस्याओं का निदान नही
13 मई 2019 से नैटवाड़-मोरी बांध परियोजना (60 मेगावाट), टॉन्स नदी, ज़िला उत्तरकाशी, उत्तराखंड से प्रभावित नैटवाड़ और बनोल गांव के लोगों ने अपनी बरसो से लंबित मांगों की पूर्ति ना होने के कारण बांध का काम रोका हुआ है उनकी मांगें वही है जो कि उनसे जनसुनवाई तथा उसके बाद अलग-अलग समय पर वादे किए गए और जिन्हें पूरा नहीं किया गया है।
अफसोस की बात यह है कि प्रशासन ने अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की है। स्थिति खराब है।
-नैटवाड़ में एक मकान गिरा है।
-नैटवाड़ और बनोल के वह सभी मकानों में दरारें आई है। भविष्य में इन मकानों की गिरने का पूरा खतरा है।
-लोगों से जो वादे किये गए थे वे पूरे नहीं किये गए है। जिसमें मुख्यता प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को रोजगार, गांव में ढांचागत विकास कार्य, पुनर्वास नीति में किये गए वादे आदि हैं।
-लोगों की खास मांग है कि परियोजना प्रमुख राजेश कुमार जगोरा को वहां से हटाया जाए।
-बड़े-बड़े डंपर चलने की वजह से उड़ती धूल से स्थानीय बाजार और लोगों को अलग तरह की समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं जिस पर कंपनी ध्यान नहीं देती।
नैटवाड़ और बनोल गांव के लोगो ने बांध परियोजना का विरोध नहीं किया था। परियोजना के बारे में जैसा बताया गया, जो उनसे वादे किये गए उसको ही लोगो ने सच माना था। बांध की जनसुनवाई से पहले उनको पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट और प्रबंध योजना हिंदी में, आसान भाषा में मुहैया नहीं कराई गई थी। इसके सबूत हमारे पास मौजूद है। हमने तभी कहा था कि भविष्य में समस्याएं आएंगी और लोग उसका निवारण नहीं करवा पाएंगे क्योंकि प्रशासन की भूमिका जन सुनवाई के बाद मात्र बांध निर्माण में आने वाली समस्याओं को दूर करने की रह जाती है। आज लोग बांध का समर्थन करके भी भयानक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
जखोल-साकरी बांध परियोजना की जनसुनवाई प्रक्रिया भी गांव वासियों को बिना पूरी जानकारी दिए, जबरदस्ती के साथ पूरी की गई है। हमें खतरा है कि वहां का भविष्य भी इसी तरह का होगा।
नैटवाड़ और बनोल के संदर्भ में हमारी प्रशासन से मांग है कि:-
1-तुरंत लोगों की इन गंभीर समस्याओं को देखते हुए एक त्रिपक्षीय वार्ता बुलाये जिसमें SJVNLl के उच्च अधिकारी, जिलाधीश स्वयं आप और प्रभावित लोग हो।
2-समझौते की कार्यवाही तीनों पक्षो के सामने सुनाई जाए और तब उस पर हस्ताक्षर हो।
2-समझौते में जो भी हो तय किया जाए उसको समयबद्ध पूरा किया जाए।
लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाए। वास्तव में यह संविधान की धारा 21 के अंतर्गत उनकी जिंदा रहने की अधिकार पर हमला है। उनकी समस्याओं के निदान की ओर कार्य होना कि उनके ही खिलाफ कोई कार्यवाही करके उनकी आवाज दबाने का प्रयास हो। देश के तमाम लोगो की नज़र इस छोटी परियोजना पर है। सब ये देख रहे हैं कि किस तरह मात्र दो गांवों के प्रभावितो की बात की भी अनसुनी की जा रही है।
रामबीर, राजपाल सिंह रावत, विमल भाई, विजय सिंह
What's more, it is usually consistently cautious to search for options for data as a result of men and women _other_ as opposed to the claimants. http://a06ytdkqms.dip.jp https://imgur.com/a/OuRMLlG https://imgur.com/a/SDhfSIk https://imgur.com/a/Dhk4AmK https://imgur.com/a/wnTj1Kz https://imgur.com/a/BYpC6He http://6vfiglorlk.dip.jp
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