{स्वर्गीय श्री प्रेमवल्लभ काला जी श्रीनगर 1970 बाढ़ का स्तर दिखते हुए}
आपके सपने पूरे करेंगे
स्वर्गीय श्री प्रेमवल्लभ काला जी को उनके आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि
स्वर्गीय श्री प्रेमवल्लभ काला जी को उनके आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि
एक
शोक सभा में माटू जनसंगठन व श्रीनगर बाँध आपदा संघर्ष समिति के साथियों ने स्वर्गीय श्री प्रेमवल्लभ काला जी
को उनके आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित
की।
जीवन के सातवें दशक के करीब रहे श्री
प्रेमवल्लभ काला जी श्रीनगर
बाँध आपदा संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष थे। उन्होने ही जून, 2013 को उत्तराखंड में आई की आपदा में, श्रीनगर के निचले क्षेत्र में आई पानी
व मक की डूब के लिये श्रीनगर बांध कंपनी को
जिम्मेदार माना और कानूनी कार्यवाही के
लिये लोगो को प्रेरित किया। बाद में माटू जनसंगठन के साथ मिलकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में मुआवजे़
का केस दायर किया। समिति की ओर से वे केस
में वादी बने। अपनी अस्वस्थता के बावजूद वे बराबर काम में लगे रहे।
ज्ञातव्य है कि 19 अगस्त 2016 को प्राधिकरण में हम केस जीते तो बांध
कंपनी ने सर्वोच्च न्यायालय में इस आदेश को
चुनौति दी है। केस चालू है। साथ ही सर्वोच्च
न्यायालय के ही आदेश पर अभी मुआवजे के दावों के सत्यापन का कार्य उपजिलाधीश श्रीनगर के तत्वाधान में
प्रगति पर है। जिसमें काला जी अंतिम समय तक सक्रिय रहे।
शिक्षा विभाग में जीवन भर कार्यरत रहे
श्री काला जी ईमानदारी व कमर्ठता की मूर्ति थे। अपने
सेवानिवृत जीवन को भी उन्होने समाजकार्य
में लगाया। वे अंतिम समय तक अपनी वृद्ध मांजी की सेवा भी करते रहे। उनका इस तरह जाना हमारे लिये
अतुलनीय क्षति है। वे कहते थे कि हमारी लड़ाई मुआवजे की ही नही बल्कि न्याय की है। यह देश भर के बांध
प्रभावितों के लिये एक नया रास्ता है। हम इस लड़ाई को
मुकाम तक पहुंचायेगे।
समिति ने काला जी को श्रद्धांजलि के साथ उनके
स्थान पर समिति के कर्मठ कार्यकर्ता श्री
हरिप्रसाद उप्रेती जी को उपाध्यक्ष व अदालत में समिति के प्रतिनिधी के रुप चुना है।
साथी तेरे सपनो को मंजिल तक
पहुंचायेगे।
चंद्र मोहन भट्ट, विजयलक्ष्मी रतूड़ी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, विमलभाई
चंद्र मोहन भट्ट, विजयलक्ष्मी रतूड़ी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, विमलभाई
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