{English translation is given below}
15-6-2015
सेवा में,
माननीय श्री हरीश रावत जी
मुख्यमंत्री उत्तराखंड
सचिवालय,
देहरादून, उत्तराखंड
विषय: टिहरी जिले के मलेथा गांव में स्टोन क्रैशर बंद कीजियेः
आंदोलनकारियों पर से मुकदद्में वापिस लीजिये
मान्यवर,
आपको विदित है कि टिहरी जिले के मलेथा गांव के निवासी वहंा लगे 2 प्रस्तावित व तीन लगे हुये स्टोन क्रैशरों का विरोध कर रहे है। चूंकि इससे प्रसिद्ध माधो सिंह भडारी जी के गांव मलेथा की खेती और र्प्यावरण पर अत्यंत बुरा असर पड़ रहा है।
विगत में ग्रामीणों का धरना व अनशन के बाद आपने कमिश्नर जांच के आदेश दिये थे। कमिश्नर की जांच बताती है कि पांचों स्टोन क्रैशरों में मानकों का उंलघन हो रहा है। किन्तु इसके बाद भी निरस्तीकरण का आदेश नही आया है। तीनों स्टोन क्रैशरों को नही हटाया गया है। इसके विरोध में ग्रामीणों को धरना व अनशन पुनः करना पड़ा है।
इस बीच पुलिस ने भी दमन किया। जिस कारण हिमालय बचाओं आंदोलन के कार्यकर्ता श्री समीर रतूड़ी ने 6 दिन तक पानी भी नही लिया। तब आपके प्रतिनिधी श्री प्रवीण भंडारी जी और उत्तराखंड कांग्रेस अध्ययक्ष श्री किशोर उपाघ्याय जी के प्रतिनिधी श्री शंाति भटट् जी ने आपका संदेश दिया कि पुलिस दमन के जिम्मेदार अधिकारियों को हटाया जायेगा। आपका सम्मान रखते हुये श्री समीर रतूड़ी ने पानी पीना स्वीकार किया है। किन्तु अनशन जारी है।
ग्रामीणों ने बार-बार आंदोलन करने के बाद अब आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया है। गंाव मलेथा के ग्राम प्रधान श्री शूरवीरसिंह बिष्ट व श्री समीर रतूड़ी अनशन का आज 11वां दिन है। अनशनकारी जनहित में अपनी जान की बाजी लगा कर बैठे है। राज्य में इस आंदोलन को लेकर चिंता है। देश में भी यह प्रश्न उठ रहा है। इससे आपकी साख पर बुरा असर आ रहा है।
जन भावनाओं और उत्तराखंड की जमीन सच्चाई को जानने वाले मुख्यमंत्री जी से हमारी अपेक्षा है कि वे उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुये निम्न मांगों पर तुरंत कार्यवाही का आदेश देंगेः-
1. कमिश्नर जांच के आधार पर, स्टोन क्रैशरों के निर्धारित मानकों का उलंघन करने के कारण तत्काल हटवायें।
2. आंदोलन के दौरान अपने गांव को बचाने के लिये आंदोलनरत लोगो पर लगाये गये मुकद्दमें तुरंत प्रभाव से वापिस लें।
आपसे तुरंत कार्यवाही की अपेक्षा में
विमलभाई पूरणसिंह राणा
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15-6-2015
सेवा में,
माननीय श्री हरीश रावत जी
मुख्यमंत्री उत्तराखंड
सचिवालय,
देहरादून, उत्तराखंड
विषय: टिहरी जिले के मलेथा गांव में स्टोन क्रैशर बंद कीजियेः
आंदोलनकारियों पर से मुकदद्में वापिस लीजिये
मान्यवर,
आपको विदित है कि टिहरी जिले के मलेथा गांव के निवासी वहंा लगे 2 प्रस्तावित व तीन लगे हुये स्टोन क्रैशरों का विरोध कर रहे है। चूंकि इससे प्रसिद्ध माधो सिंह भडारी जी के गांव मलेथा की खेती और र्प्यावरण पर अत्यंत बुरा असर पड़ रहा है।
विगत में ग्रामीणों का धरना व अनशन के बाद आपने कमिश्नर जांच के आदेश दिये थे। कमिश्नर की जांच बताती है कि पांचों स्टोन क्रैशरों में मानकों का उंलघन हो रहा है। किन्तु इसके बाद भी निरस्तीकरण का आदेश नही आया है। तीनों स्टोन क्रैशरों को नही हटाया गया है। इसके विरोध में ग्रामीणों को धरना व अनशन पुनः करना पड़ा है।
इस बीच पुलिस ने भी दमन किया। जिस कारण हिमालय बचाओं आंदोलन के कार्यकर्ता श्री समीर रतूड़ी ने 6 दिन तक पानी भी नही लिया। तब आपके प्रतिनिधी श्री प्रवीण भंडारी जी और उत्तराखंड कांग्रेस अध्ययक्ष श्री किशोर उपाघ्याय जी के प्रतिनिधी श्री शंाति भटट् जी ने आपका संदेश दिया कि पुलिस दमन के जिम्मेदार अधिकारियों को हटाया जायेगा। आपका सम्मान रखते हुये श्री समीर रतूड़ी ने पानी पीना स्वीकार किया है। किन्तु अनशन जारी है।
ग्रामीणों ने बार-बार आंदोलन करने के बाद अब आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया है। गंाव मलेथा के ग्राम प्रधान श्री शूरवीरसिंह बिष्ट व श्री समीर रतूड़ी अनशन का आज 11वां दिन है। अनशनकारी जनहित में अपनी जान की बाजी लगा कर बैठे है। राज्य में इस आंदोलन को लेकर चिंता है। देश में भी यह प्रश्न उठ रहा है। इससे आपकी साख पर बुरा असर आ रहा है।
जन भावनाओं और उत्तराखंड की जमीन सच्चाई को जानने वाले मुख्यमंत्री जी से हमारी अपेक्षा है कि वे उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुये निम्न मांगों पर तुरंत कार्यवाही का आदेश देंगेः-
1. कमिश्नर जांच के आधार पर, स्टोन क्रैशरों के निर्धारित मानकों का उलंघन करने के कारण तत्काल हटवायें।
2. आंदोलन के दौरान अपने गांव को बचाने के लिये आंदोलनरत लोगो पर लगाये गये मुकद्दमें तुरंत प्रभाव से वापिस लें।
आपसे तुरंत कार्यवाही की अपेक्षा में
विमलभाई पूरणसिंह राणा
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To,
Shri
Harish Rawatji
The
Chief Minister Of Uttarakhand
Secretariat,
Dehradoon,
Uttarakhand
Sub
: Stone
crushers should be removed from
Village Maletha, Tehri District.
The cases filed against the protesters should be removed.
Sir,
This
is bring into your notice the protests done by people of Mathela
village, Tehri district against the 2 proposed and 3 stalled stone
crushers as they are crucially impacting the agriculture and
environment of the village.
Recently
after a protest and fast resolution there was an order given for
Commissioner investigation. The investigation report say that all the
stone crushers have broken the regulations. Even after that there is
no order to stop the functioning of the crushers. Therefore the
people had to do dharnas and fasts again.
While
these incidents were going on, police also tried to suppress the
protests. Sameer Ratudi activist of ‘Himalaya Bachao Andolan’
did eat not or drink anything for 6 days. Your representative Shri
Praveen Bhandari ji Sand Uttarakhand Congress president's
repersentative Shri Shanti Bhatt ji had informed to the movement that
the police officials involved in the repressions will be charged.
Showing respect to this decision Sameer Ratudi started drinking
water but the fast still continues.
After
organizing a number of protests now the people of villages have
decided take serious steps. The headmen of Mathela village
Shurveersingh Bist and Sameer Ratudi have continued fast. Today is
the 11th day of their fast. Protesters have taken life at
risk. There are tensions all over the state and the country.
With
the believe that the authority is capable of understanding the
suffering of the people, we expect that the State will take immediate
actions and pay heed to the demands mentioned below :
- As the Commissioner investigation report says that the stone crushers have broken the regulations therefore should be removed.
- The cases filed against the protesters should be removed.
Hoping for an urgent action from your end
Vimalbhai,
Puran Sing Rana