डा0 भरत झुनझुनवाला पर हमले की निंदा
आज सुबह वरिष्ठ पत्रकार डा0 भरत झुनझुनवाला के लक्षमोली गांव {टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड} स्थित घर पर ‘‘अलकनंदा जलविद्युत परियोजना, श्रीनगर’’ कंपनी के कर्मचारियों द्वारा हमला किया गया। सुबह के समय वे और उनकी पत्नि श्रीमति मधु झुनझुनवाला घर पर थे। बांध कंपनी के लगभग 40 लोगो ने अलकनंदागंगा किनारे उनके आवास पर हमला किया। गंदे व अभ्रद शब्दों का प्रयोग किया।
जब शोर सुनकर श्रीमति मधु झुनझुनवाला ने घर के दरवाजे़ बंद किये तो हमलावरों ने दरवाजें पर हमला किया जिससे दरवाजें के शीशे व चटखनी टूट गई। डा0 भरत झुनझुनवाला ने अपनी बात समझानेें की कोशिश की तो उन्होने धमकी दी की यदि दो दिन मे डा0 भरत झुनझुनवाला ने बांधों का विरोध बंद नही किया तो उन्हे घर सहित जला दिया जायेगा।
हम इस कृत्य की पूरी तरह से निंदा करते है। यह कृत्य बताता है कि बांध कंपनी ‘‘अलकनंदा जलविद्युत परियोजना, श्रीनगर’’ कितनी मजबूत है। प्रशासन को इस बात का पूरी तरह से अनुमान था। जो पुलिस की गाड़ी उनके घर के पास उस समय मौजूद थी वो हमले के समय वहंा से चली गई थी। उनके घर के आसपास काफी समय से पुलिस व सरकारी जासूस घूमा करते थे। उन पर हमला हो सकता है इसका अनुमान तब ही से था जब बांध कंपनी द्वारा श्रीनगर में प्रायोजित धरने किये गये थे और पिछले दिनों स्वामी सानंद पूर्व में {डा0 जी0 डी0 अग्रवाल} को जबरदस्ती पुलिस गिरफ्तार करके ले गई थी। तब भी सरकार ने डा0 भरत झुनझुनवाला की कोई सुरक्षा की कोशिश नही की। यह उत्तराखंड में लोकतंत्र पर बांध कंपनियों का हमला है।
ज्ञातव्य है कि डा0 भरत झुनझुनवाला पिछले कई वर्षो से उत्तराखंड में रह रहे है। श्रीनगर में निमार्णाधीन अलकनंदा जलविद्युत परियोजना के दीर्घकालीन पर्यावरणीय असरों को सामने ला रहे है। इस संदर्भ में विभिन्न अदालतों में कई मुकद्दमंे भी चल रहे है। जिस कारण से बांध कंपनी की गल्तियंा सामने आयी। कई बार बांध बंद हुआ किन्तु फिर भी बांध कंपनी के दवाब मंे सरकार ने कड़े कदम नही उठाये। बांध की जानकारी के लिये देखे
हम सब फिर दोहराते है कि इस तरह के हमलों से गंगा घाटी में बांधो के कुप्रभावों को और सच्चाई को सामने लाने वालो को दबाया नही जा सकता। उत्तराखंड की नई सरकार के सामने यह नई चुनौति है कि वो टिहरी, कोटेश्वर, मनेरी-भाली एक व दो, विष्णुप्रयाग व अन्य बांधों की समस्याओं का समाधान किये बिना नये बांधों को आगे धकेले और बांध से विकास रोजगार के झूठे सपने दिखाये या फिर उत्तराखंड के सही विकास की योजना बनाये।
हम सब डा0 भरत झुनझुनवाला का सर्मथन करते है। अब डा0 भरत झुनझुनवाला की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
विमलभाई, पूरनसिंह राणा
माटू जनसंगठन, हरिद्वार
मदन मिश्रा, महिपत सिंह कठैत
भूस्वामी संघर्ष समिति, देवाल, चमोली
प्रहलाद सिंह, जयसिंह
टौसघाटी जाग्रत समिति, मोरी, उत्तराकाशी
के0 रामनारायण
गोरी गंगा संघर्ष मोर्चा, मुनस्यारी, पिथौरागढ़
मल्लिका विर्दी व ई0 थियोफिलिस
हिमाल प्रकृति, पिथौरागढ़
हिमांशु ठक्कर
नदी, बांध व लोगो को दक्षिण एशिया समूह, दिल्ली
आज सुबह वरिष्ठ पत्रकार डा0 भरत झुनझुनवाला के लक्षमोली गांव {टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड} स्थित घर पर ‘‘अलकनंदा जलविद्युत परियोजना, श्रीनगर’’ कंपनी के कर्मचारियों द्वारा हमला किया गया। सुबह के समय वे और उनकी पत्नि श्रीमति मधु झुनझुनवाला घर पर थे। बांध कंपनी के लगभग 40 लोगो ने अलकनंदागंगा किनारे उनके आवास पर हमला किया। गंदे व अभ्रद शब्दों का प्रयोग किया।
जब शोर सुनकर श्रीमति मधु झुनझुनवाला ने घर के दरवाजे़ बंद किये तो हमलावरों ने दरवाजें पर हमला किया जिससे दरवाजें के शीशे व चटखनी टूट गई। डा0 भरत झुनझुनवाला ने अपनी बात समझानेें की कोशिश की तो उन्होने धमकी दी की यदि दो दिन मे डा0 भरत झुनझुनवाला ने बांधों का विरोध बंद नही किया तो उन्हे घर सहित जला दिया जायेगा।
हम इस कृत्य की पूरी तरह से निंदा करते है। यह कृत्य बताता है कि बांध कंपनी ‘‘अलकनंदा जलविद्युत परियोजना, श्रीनगर’’ कितनी मजबूत है। प्रशासन को इस बात का पूरी तरह से अनुमान था। जो पुलिस की गाड़ी उनके घर के पास उस समय मौजूद थी वो हमले के समय वहंा से चली गई थी। उनके घर के आसपास काफी समय से पुलिस व सरकारी जासूस घूमा करते थे। उन पर हमला हो सकता है इसका अनुमान तब ही से था जब बांध कंपनी द्वारा श्रीनगर में प्रायोजित धरने किये गये थे और पिछले दिनों स्वामी सानंद पूर्व में {डा0 जी0 डी0 अग्रवाल} को जबरदस्ती पुलिस गिरफ्तार करके ले गई थी। तब भी सरकार ने डा0 भरत झुनझुनवाला की कोई सुरक्षा की कोशिश नही की। यह उत्तराखंड में लोकतंत्र पर बांध कंपनियों का हमला है।
ज्ञातव्य है कि डा0 भरत झुनझुनवाला पिछले कई वर्षो से उत्तराखंड में रह रहे है। श्रीनगर में निमार्णाधीन अलकनंदा जलविद्युत परियोजना के दीर्घकालीन पर्यावरणीय असरों को सामने ला रहे है। इस संदर्भ में विभिन्न अदालतों में कई मुकद्दमंे भी चल रहे है। जिस कारण से बांध कंपनी की गल्तियंा सामने आयी। कई बार बांध बंद हुआ किन्तु फिर भी बांध कंपनी के दवाब मंे सरकार ने कड़े कदम नही उठाये। बांध की जानकारी के लिये देखे
हम सब फिर दोहराते है कि इस तरह के हमलों से गंगा घाटी में बांधो के कुप्रभावों को और सच्चाई को सामने लाने वालो को दबाया नही जा सकता। उत्तराखंड की नई सरकार के सामने यह नई चुनौति है कि वो टिहरी, कोटेश्वर, मनेरी-भाली एक व दो, विष्णुप्रयाग व अन्य बांधों की समस्याओं का समाधान किये बिना नये बांधों को आगे धकेले और बांध से विकास रोजगार के झूठे सपने दिखाये या फिर उत्तराखंड के सही विकास की योजना बनाये।
हम सब डा0 भरत झुनझुनवाला का सर्मथन करते है। अब डा0 भरत झुनझुनवाला की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
विमलभाई, पूरनसिंह राणा
माटू जनसंगठन, हरिद्वार
मदन मिश्रा, महिपत सिंह कठैत
भूस्वामी संघर्ष समिति, देवाल, चमोली
प्रहलाद सिंह, जयसिंह
टौसघाटी जाग्रत समिति, मोरी, उत्तराकाशी
के0 रामनारायण
गोरी गंगा संघर्ष मोर्चा, मुनस्यारी, पिथौरागढ़
मल्लिका विर्दी व ई0 थियोफिलिस
हिमाल प्रकृति, पिथौरागढ़
हिमांशु ठक्कर
नदी, बांध व लोगो को दक्षिण एशिया समूह, दिल्ली